Sunday 15 October 2017

पहली मोहब्बत

वो पहली मोहब्बत,
वो पहली नज़र की मोहब्बत,
खाब्बों में लिपटी,
शब्दों में उलझीं,
गुड्डे-गुडियों से परे,
फेसबुक की रिक्यूस्ट में अटकी,
वो पहली मोहब्बत,
चिट्ठीयों में बंद,
आज वह्टसैप चैट में शुरू,
वो पहली मोहब्बत,
मिलने की वो खवाईशें,
यूं उनके एक दीदार की इलतजा़ ,
इन्हीं सतरंगी एहसासों में ढुबी होती है,
वो पहली मोहब्बत,
बचपना कहो,
या दीवानगी,
जिद्द कहो,
या पागलपन,
कुछ खट्टी कुछ मिट्ठी सी होती है,
वो पहली मोहब्बत.....
वो पहली नज़र की मोहब्बत....

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